माता Tulsi Aarti का पठन हर वार त्यौहार पर किया जाता है। माता तुलसी को माता वृंदा के नाम से भी संबोधित किया जाता है। माता Tulsi Aarti को माता तुलसी के पूजन, माता तुलसी के विवाह और कार्तिक माह में पठन या श्रवण करना अति शुभ माना गया है। जो भी भक्त सच्चे मन से माता Tulsi Aarti का पठन या श्रवण करता है उसकी सारी मनोकमानाये सिद्ध होती है।
तुलसी आरती (In Hindi)
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥
धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥
सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
Tulsi Aarti (In English)
Tulsi Maharani, Namo-Namo,
Hari ki Patrani Namo-Namo ।
Dhan Tulsi Puran Tapp Kino,
Shaligram Bani Patrani ।
Jake Patra Manjar Komal,
Shreepati Kamal Charan Laptani II
Dhup-Deep-Navede Aarti,
Pusphpan ki Varsha Barsani ।
Chappan Bhog Chatisau Veanjan,
Bin Tulsi Hari Ek na Maani II
Sabhi Sakhi Maiya Tero Yash Gave,
Bhagatidaan Dije Maharani ।
Namo-Namo Tulsi Maharani,
Tulsi Maharani Namo-Namo II
Tulsi Maharani Namo-Namo
Hari Ki Patrani Namo-Namo ।
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