Shri Ram Chalisa | श्री राम चालीसा

रघुकुल नंदन Shri Ram को कोटि कोटि नमन। श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपनी मर्यादा का पालन करते हुए अपने राज्य, मित्र, तथा माता पिता का किआ था त्याग। श्री राम चरित मानस ग्रंथ के अनुसार प्रभु श्री राम माता सीता के पति, राजा दशरथ और देवी कौशल्या के पुत्र और भरत, लक्ष्मण, और शत्रुघ्न के भ्राता है। माता कैकई द्वारा वनवास दिए जाने पर भगवान राम ने 14 वर्ष तक वन में निवास किआ था। इसी समय दौरान राक्षश राज रावण द्वारा माता सीता का हरन हो जाने पर भगवान राम ने वानर राज सुग्रीव और अन्य वानर सेना के सहयोग से लंका पर चढ़ाई करके लंका पति रावण का वध कर माता सीता को मुक्त किआ था। जंहा भी श्री राम का नाम लिया जाये वहाँ भक्त हनुमान अवश्य निवास करते है। श्री राम और राक्षस राज रावण के मध्य हुए युद्ध मे भक्त हनुमान की मुख्य भूमिका थी। मान्यता है कि श्री राम भगवान की “Shri Ram Chalisa” का पाठ जो कोई मनुष्य पूरी निष्ठा से करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो आइए आप और हम आज मिलकर प्रभु श्री राम की “श्री राम चालीसा” का पाठ करे तो बोलिये प्रभु श्री राम की जय –

Shri Ram Chalisa

॥ श्री राम चालीसा (हिन्दी) ॥

II दोहा II

!! गणपति चरण सरोज गहि । चरणोदक धरि भाल,
लिखौं विमल रामावली । सुमिरि अंजनीलाल,
राम चरित वर्णन करौं । रामहिं हृदय मनाई,
मदन कदन रत राखि सिर । मन कहँ ताप मिटाई !!

II चौपाई II

!! राम रमापति रघुपति जै जै । महा लोकपति जगपति जै जै,
राजित जनक दुलारी जै जै । महिनन्दिनी प्रभु प्यारी जै जै,
रातिहुं दिवस राम धुन जाहीं । मगन रहत मन तन दुख नाहीं,
राम सनेह जासु उर होई । महा भाग्यशाली नर सोई !!

!! राक्षस दल संहारी जै जै । महा पतित तनु तारी जै जै,
राम नाम जो निशदिन गावत । मन वांछित फल निश्चय पावत,
रामयुधसर जेहिं कर साजत । मन मनोज लखि कोटिहुं लाजत,
राखहु लाज हमारी जै जै । महिमा अगम तुम्हारी जै जै !!

!! राजीव नयन मुनिन मन मोहै । मुकुट मनोहर सिर पर सोहै,
राजित मृदुल गात शुचि आनन । मकराकृत कुण्डल दुहुँ कानन,
रामचन्द्र सर्वोत्तम जै जै । मर्यादा पुरुषोत्तम जै जै,
राम नाम गुण अगन अनन्ता । मनन करत शारद श्रुति सन्ता !!

!! राति दिवस ध्यावहु मन रामा । मन रंजन भंजन भव दामा,
राज भवन संग में नहीं जैहें । मन के ही मन में रहि जैहें,
रामहिं नाम अन्त सुख दैहें । मन गढ़न्त गप काम न ऐहें,
राम कहानी रामहिं सुनिहें । महिमा राम तबै मन गुनिहें !!

!! रामहि महँ जो नित चित राखिहें । मधुकर सरिस मधुर रस चाखिहें,
राग रंग कहुँ कीर्तन ठानिहें । मम्ता त्यागि एक रस जानिहें,
.राम कृपा तिन्हीं पर होईहें । मन वांछित फल अभिमत पैहें,
राक्षस दमन कियो जो क्षण में । महा बह्नि बनि विचर्यो वन में !!

!! रावणादि हति गति दै दिन्हों । महिरावणहिं सियहित वध कीन्हों,
राम बाण सुत सुरसरिधारा । महापातकिहुँ गति दै डारा,
राम रमित जग अमित अनन्ता । महिमा कहि न सकहिं श्रुति सन्ता,
राम नाम जोई देत भुलाई । महा निशा सोइ लेत बुलाई !!

!! राम बिना उर होत अंधेरा । मन सोही दुख सहत घनेरा,
रामहि आदि अनादि कहावत । महाव्रती शंकर गुण गावत,
राम नाम लोहि ब्रह्म अपारा । महिकर भार शेष सिर धारा,
राखि राम हिय शम्भु सुजाना । महा घोर विष किन्ह्यो पाना !!

!! रामहि महि लखि लेख महेशु । महा पूज्य करि दियो गणेशु,
राम रमित रस घटित भक्त्ति घट । मन के भजतहिं खुलत प्रेम पट,
राजित राम जिनहिं उर अन्तर । महावीर सम भक्त्त निरन्तर,
रामहि लेवत एक सहारा । महासिन्धु कपि कीन्हेसि पारा !!

!! राम नाम रसना रस शोभा । मर्दन काम क्रोध मद लोभा,
राम चरित भजि भयो सुज्ञाता । महादेव मुक्त्ति के दाता,
रामहि जपत मिटत भव शूला । राममंत्र यह मंगलमूला,
राम नाम जपि जो न सुधारा । मन पिशाच सो निपट गंवारा !!

!! राम की महिमा कहँ लग गाऊँ । मति मलिन मन पार न पाऊँ,
रामावली उस लिखि चालीसा । मति अनुसार ध्यान गौरीसा,
रामहि सुन्दर रचि रस पागा । मठ दुर्वासा निकट प्रयागा,
रामभक्त्त यहि जो नित ध्यावहिं । मनवांछित फल निश्चय पावहिं !!

II दोहा II

!! राम नाम नित भजहु मन । रातिहुँ दिन चित लाई,
मम्ता मत्सर मलिनता । मनस्ताप मिटि जाई,
राम का तिथि बुध रोहिणी । रामावली किया भास,
मान सहस्त्र भजु दृग समेत । मगसर सुन्दरदास !!

॥ Shri Ram Chalisa (English) ॥

II Doha II

!! Ganapati charan saroj gahi l Charanodak dhari bhaal,
Likhao vimal Ramavali l sumiri Anjanilal,
Ram charit varnan Karo l Ramahin hridai mania,
Madan kadan ral rakhi shir l man kahan tap mitai !!

II Choupai II

!! Ram Rampati Raghupati jai jai l Maha-Lokpati Jagpati jai jai,
rajat janak dulari jai jai l mahanandini prabhu jai jai,
Ratihun divas Ram dhun jahi l Magan rahat mann, tann dukh nahi,
Ram sane jasu ur hoi l Maha bhagyashali nar soi !!

!! Rakshs dal sanhari jai jai l Maha patit tanu tari jai jai,
Ram naam jo nishdin gavat l Mann vanchit phal nishche pavat,
Ramyudhsar jehi kar sajat l mann manoj lakhi kothu lajat,
Rakhu laaj hamari jai jai l Mahima agam tumhari jai jai !!

!! Rajiv nayan munin man mohe l mukut manohar shir par sohe,
Rajit mridul gaat shuchi aann l Makarakrit kundal duhu kanan,
Ramchandra sarvotam jai jai l Maryada Purshotam jai jai,
Ram naam gunn agan ananta l Manan karat sharad shruti santa !!

!! Rati divas dhyavahu mann Rama l Man ranjan bhajan bhav dama,
Raj bhavan, sang mein nahi jahe l Mann ke hi mann mein rahi jahe,
Ramhi naam anant sukh daihe l Mann gadhant gapp kam na ahe,
Ram kahani Ramahi sunhi l Mahima Ram tabe mann gunhe !!

!! Ramhi mahe jo nit chit rakhie l Madhukar saris madhur ras chakhie,
Raag rang kahu kirtan thanie l Mamta teyagi ek ras janie,
Ram kripa tinhi par hvai l Man vanchit phal abhimat pehe,
Rakshas daman kiyo jo shhan mein l Maha bahin bani vichaeo van mein !!

!! Ravanadi hati gati, dai dinho l Mahi Ravanahin Siya vadh kinho,
Ram baan sut sursari dhara l Mahapat kihu gati de dara,
Ram ramit jag amit ananta l Mahima kahi na sakahi shruti santa,
Ram nam joi det bhulai l Maha nisha soi let bulai !!

!! Ram bina ur hot andhera l mann sohi dukh shat ghanera,
Ramahi adi anadi kahavat l Mahavrti Shankar-gunn gavat,
Ram nam lahi Brahma apara l Mahikar bhar shesh shir dhara,
Rakhi Ram hiye Shambhu sujana l Maha ghor vish kinho pana !!

!! Ramhi mahi-lakhi lekh Maheshu l Maha pujye kari diyo Ganeshu,
Ram ramit ras ghatit bhagati ghat l Man ke bhajatahi khulat prem pat,
Rajit Ram jinhi ur antar l Mahavir sam bhagatt nirantar,
Ramhi levt ek sahara l Maha sindhu Kapi kinhesi para !!

!! Ram nam rasna ras shobha l Mardan kam krodh mdd lobha,
Ram charit bhaji bhayo sugeata l Mahadev mukti ke data,
Ramhi japat mitat bhav shula l Ram mantra yeh mangal mula,
Ram nam japi jo na sudhara l Man pishach so nipat gavara !!

!! Ram ki mahima kaha lag gau l mati malin mann par na pau,
Ramvali us likhi chalisa l Mati anusar dheyan Gaurisa,
Ramhi sundar rachi rass paga l Math Durvasa nikat Prayaga,
Ram bhagat yahi jo nit dhyave l Mann vanchit phal nische pavhi !!

II Doha II


!! Ram nam nit bhajau mann. l rothu din chit layi,
Mamta matsar malinta.l mannstap mitti jayi,
Ram ka tithi budh Rohini,l Ramavali kiya bhass,
Man sahastar bhuju vgg samet,l magsar Sundardas !!

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