माता दुर्गा, माँ भगवती का ही एक स्वरुप है। उनका अवतरण “दुर्गम” नमक दैत्य का वध करने हेतु हुआ था। माता दुर्गा का स्वरुप विराट है, वह अपनी भुजाओ में अस्त्रों और शास्त्रों को धारण किये हुए है। माता दुर्गा का हिन्दू शास्त्रों में एक विशेष स्थान है। नवरात्री के शुभ पर्व पर उनकी आराधना और पूजा की जाती है। नवरात्री नव दुर्गा की पूजा अर्चना का पर्व माना गया है। जो भी भक्त पूर्ण श्रद्धा अवं भक्ति भाव से माता दुर्गा की आराधना और पूजा करता है उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है। तो आइए माता के जयकारे के साथ दुर्गा माँ आरती का पठन और गान करे।
॥ दुर्गा माँ आरती (हिन्दी) ॥
!! जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी,
तुमको निसदिन ध्यावत हरि ब्रम्हा शिवरी,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमदको,
उज्जवल से दोऊ नैना चन्द्रवदन नीको,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे,
रक्त पुष्प गल माला कण्ठन पर साजे,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी,
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुःख हारी,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! कानन कुंडल शोभित नासाग्रे मोती,
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत सम ज्योति,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! शुंभ निशंभु विदारे महिषासुरधाती,
धूम्रविलोचन नैना निशदिन मदमाती,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! चण्ड मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे,
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! ब्रम्हाणी रुद्राणी तुम कमलारानी,
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! चौसंठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरुँ,
बाजत ताल मृदंगा अरु डमरुँ,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुःखहर्ता सुख सम्पत्ति कर्ता,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी,
मनवांच्छित फल पावे सेवत नर नारी,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
!! कंचन थाल विराजत अगर कपुर बात्ती,
श्री माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती,
जय अम्बे गौरी मैया, जय श्यामा गौरी !!
!! या अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गाये,
कहत शिवानंद स्वामी सुख, संपत्ति पाये,
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी !!
॥ Durga Maa Aarti (English) ॥
!! Jai Aambe Gauri, Maiya, Jai Shyama Gauri,
Tumko Nis Din Dhyavat, Hari Brahma Shivri,
Jai Aambe Gauri, Maiya, Jai Shyama Gauri !!
!! Maang Sindur Birajat, Teeko Mragmadko,
Ujjval Se Dou Naina, Chandravadan Neeko,
Jai Aambe Gauri, Maiya, Jai Shyama Gauri !!
!! Kanak Saman Kalevar, Raktambar Raje,
Rakt Pushp, Gal Mala, Kanthan par Saje,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Kehari Vahan Rajat, Khadg Khappar Dhari,
Sur Nar Munijan Sevat, Tinke Dukh haari,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Kanan Kundal Shobhit, Nasagre Moti,
Kotik Chandr Divakar, Rajat Sam Jyoti,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Shubh-Nishubh Vidare, Mehishasur Dhati,
Dhumravilochan Naina, Nisdin Madmati,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Chand-Mund Sanhare, Shonit Beej Hare,
Madhu-Kaitabh Dou Mare, Sur Bhayheen Kare,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Brahmani, Rudrani, Tum Kamala Rani,
Aagam-Nigam Bakhani, Tum Shiv Patrani,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Chaunsath Yogini Gavat, Nratya Karat Bhairu,
Bajat Taal Mradanga, Aru Bajat Damru,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Tum Ho Jag Ki Mata, Tum Hi Ho Bharta,
Bhagtan Ki Dukh Harta, Sukh Sampati Karta,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Bhuja Char Ati Shobhit, Var Mudra Dhari,
Manvanchit Phal Pave, Sevat Nar Nari,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Kanchan Thaal Virajat, Agar Kapoor Bati,
Maal ketu Mein Rajat, Kott Ratan Jyoti,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!
!! Shri Aambe Ji Ki Aarti, Jo Koi Nar Gave,
Kahat Shivnand Swami, Sukh Sampati Paae,
Jai Aambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri !!