शांति का असली मतलब – Shanti Ka Asali Matalab

Motivational Story In Hindi – एक बार अमेरिका की सबसे बड़ी आर्ट गैलरी ने एक प्रतियोगिता आयोजित की जिसमे दुनियाभर के चित्रकारों को खुला आमंत्रण दिया गया। प्रतियोगिता एक चित्र बनाने की थी, जिसमे शांति का अभिभाव प्रगट हो रहा हो। चित्र को देख कर किसी भी मनुष्य का मन एकदम शांत हो जाए और जितने वाले को 10 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया गया था।

10 लाख डॉलर का इनाम सुन दुनिया भर के चित्रकारों ने अपना नामांकन भरा और चित्रों को प्रतियोगिता में शामिल होने हेतु अमेरिका की आर्ट गैलरी में भेजा गया। हजारों की संख्या में नामांकन भरे गए। देखते ही देखते पूरी आर्ट गैलरी चित्रों से भर गई। प्रतियोगिता को सरल बनाने के लिए चित्रों का अवलोकन किया गया और सभी नामांकित हुए चित्रों में से 100 चित्रों को अपनी आर्ट गैलरी की प्रदर्शनी में रखा गया।

दुनियाभर के चित्रकला प्रेमी अमेरिका की उस आर्ट गैलरी में चित्रों की प्रदर्शनी देखने पहुँचे। पहली नजर में प्रदर्शित चित्रों को देख सभी मंत्रमुग्ध हो गए। सभी नामांकित चित्र एक से बढ़कर एक थे। एक चित्र का वर्णन किया जाए तो उसमे एक नदी बह रही थी और आज पास घने हरे भरे पेड़ नजर आ रहे थे दूर से बर्फीले पहाड़ों के बीच से सूर्योदय होता हुआ नज़र आ रहा था। चित्र इतना मनमोहक था की कई लोगो को भीड़ बस उसे ही देखने जमा हो गई थी। तो दूसरी तरफ एक चित्र ऐसा था जहां चित्रकार ने चांद की चांदनी में एक एक झील को प्रदर्शित किया था। झील इतनी साफ की आप अपना प्रतिबिंब बड़े ही साफ तौर देख सकतें थे। झील में एक हंस का जोड़ा अपने प्रेम प्रसंग में मग्न था। वो ऐसा दृश्य ऐसा था मानो जैसे हम खुद उसे अपनी आंखो के सामने जीवित देख रहे हों। इस चित्र को देखने काफी कपल की भीड़ जमा हो रखी थी। एक चित्र ऐसा था जहां कुदरत का प्राकृतिक सौंदर्य उमड़ कर आ रहा हो। चित्रकार ने बड़ी ही चतुराई से उस चित्र के हर पहेलु को तराशा था। खूबसूरत घने हरे भरे पहाड़। किलकारी करता हुआ पक्षियों का एक झुंड और दूर पहाड़ों में से उगता हुआ सूर्य। मानो जैसे बस उसे ही जी भर कर देखते रहे। इस चित्र को देखने के लिए भी काफी मात्रा में लोग जमा हुए थे।

Inspirational Story in Hindi

चारो तरफ मानो जैसे एक मेला सा लगा हुआ था। आर्ट गैलरी के आयोजक इस दृश्य को देख भाव विभोर हो गए और सभी चित्रों के अवलोकन के लिए बारी बारी हर चित्रकार के पास जाने लगे। सभी प्रदर्शित चित्र एक से बढ़कर एक थे जिसमे शांति झलक रही थी। आयोजक सभी चित्र को देखते हुए जा रहे थे की तभी एक चित्र ने उनका ध्यान आकर्षित किया। उस चित्र के पास कोई भी खड़ा नही था, सभी लोग उस चित्र को दूर से देख हस कर आगे बढ़ रहे थे। जब आयोजक ने नजदीक जा कर उस चित्र को देखा तो वो कुछ देर तक सोच में पड़ गए और फिर मुस्कुराते हुए अपनी डायरी में कुछ नोट कर के आगे चले गए। संपादकों ने आज पूरा दिन सभी चित्रों के अवलोकन में बिताया था। सभी चित्रकार बहोत खुश और आत्मविश्वास से भरे लग रहे थे।

दूसरे दिन विजेता को घोषित करने का समय आ गया था। यकीनन आयोजकों के लिए यह एक चुनौती से भरा फैसला था किन्तु आखिरकार उन्होंने एक विजेता चुन ही लिया था।

प्रतियोगिता के विजेता को घोषित करने की घड़ी अब आ ही गई थी। स्टेज पर सभी प्रतियोगिता के आयोजक और आर्ट गैलरी के मालिक उपस्थित थे। विजेता का के चित्र को भी स्टेज पर ला कर एक लाल कपड़े से ढक कर रखा गया था। सभी की नजर बस उस चित्र पर से परदा उठने की राह देख रही थी। की तभी आर्ट गैलरी के मालिक अपनी स्पीच देने खड़े हुए।

“मेरे प्यारे अमरीका वासियों और सभी चित्रकारों जिन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर हमारा मान बढ़ाया है उनका में तहे दिल से स्वागत और शुक्रिया अदा करता हूं। सच कहूं मेने कभी ये सोचा नहीं था की हमे आप सब का इतना प्यार और सम्मान मिलेगा। हमने कल सभी चित्रों का अवलोकन किया और देखा की सभी चित्र अपनी श्रृंखला में पूर्ण रूप से खरे उतरे है। किंतु प्रतियोगिता का विजेता केवल एक ही हो सकता है सभी नहीं। हमारे लिए यह निर्णय लेना बहोत ही कठिन और चौका देने वाला था। जब हमने आप सभी चित्रकारों के चित्रों में से वो एक दुर्लभ चित्र का चुनाव किया। मुझे खुशी है कि अब में आपका और ज्यादा समय ना लेते हुए आपके सामने इस चित्र पर से यह परदा हटा रहा हु। आशा करता हु आप सभी हमारे इस चुनाव का सम्मान करेंगे और समजेगे की आखिरकार हमने क्यों इस चित्र का चुनाव किया। अगर आपको हमारे फैसले से कोई आपत्ती है तो आप बेफिक्र हो कर अपनी राय हमे कह सकते है हम आपकी बात का सम्मान करते हुए अपनी राय को आपको समझाने का प्रयास करेंगे।”

इतना बोल आर्ट गैलरी के मालिक ने एक इशारा करते हुए उस चित्र पर से परदा हटा दिया। जब सबने उस चित्र को देखा तो सबके होश उड़ चुके थे। यह वो चित्र था जिसके सामने देख कर सभी चित्रकार हंस रहे थे और मजाक बना रहे थे। यह वो चित्र था जिसमे शांति का कोई दर्शन दृश्यमान नही हो रहा था। सभी चित्रकार आपस में बात करने लगे और कुछ चित्रकार इकठ्ठा हो कर आयोजको के पास गए और उनसे कहा –

“क्या यंहा कोई गलतफैमी हो गई हो ऐसा प्रतीत हो रहा है। क्या ये वही चित्र है जिसने 10 लाख डॉलर का इनाम जीता है? या हमारे साथ मज़ाक किया जा रहा है? यहां उपस्थित किसी भी कलाप्रेमी को इस चित्र में शांति का प्रतीक नज़र आ रहा है। यहां तो हम बस एक तूफान देख रहे है। जो सब तहस नहस करने जा रहा है और अपने इस चित्र को विजेता घोषित किया है। शायद हमने पढ़ने में कोई गलती कर दी है इस प्रतियोगिता में अशांत दृश्य के अनुरूप चित्र बनाने की प्रतियोगिता थी और हमने शांत दृश्य के अनुरूप चित्र की प्रदर्शनी को है। अगर नहीं तो आप सब ने हमारे साथ बहोत ही घटिया मज़ाक किया हुआ है।”

आयोजक – “देखिए आप सब के साथ कोई मजाक नहीं किया गया है। हम जानते है आपको हमारे इस फैसले से आपत्ति है। लेकिन शायद आपने इस चित्र को ध्यान से देखना जरूरी नहीं समझा है। अपने सिर्फ चित्र में दिखाए गए तूफान को ही महत्व दिया लेकिन आप सभी ने ये नही देखा की उसमे एक घर भी है। घर में एक एक खिड़की भी है और उसी खिड़की से बाहर झांकता हुआ एक आदमी भी है जिसके मुख पर तूफान के सामने होने का दर प्रतीत नहीं हो रहा है। जिस के मुख पर एक हल्की सी मुस्कान है। हम अक्सर शांति का मतलब शांत जगा और शांत वातावरण में ढूंढते है लेकिन हमेशा ये सही नही होता है। अगर हमारा मन शांत नहीं तो हम कितनी भी शांत जगा चले जाए हम अंदर से अशांत ही रहेंगे। यहां इस चित्र में उस आदमी के मुख पर तूफान सामने होने के बावजूद एक शांति है एक सुकून झलक रहा है। वो पूर्ण रूप से शांति को अपने भाव से प्रगट कर रहा है। और यही वजह है की इस चित्र को प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया है। शांति का असली मतलब इस चित्र में बसे साफ तौर पर झलक रहा है।”

आयोजक के जवाब ने सभी चित्र प्रेमियों की आंखे खोल दी। सभी चित्रकार अब बड़े अच्छे से इस बात को जान और समझ गए थे। अब सभी ने एक साथ मिल कर तालियों के साथ विजेता चित्रकार का स्वागत किया और उसे इस चित्र बनाने पर बधाई दी।

शीर्षक – “कई बार हम भी अपनी परेशानियों से पीछा छुड़ाने के लिए किसी शांत जगा जाना पसंद करते है। लेकिन कई बार ये एक कारगर उपाय सिद्ध नहीं हो पाता, क्योंकि अपनी परेशानियों से भागना या उसे कुछ समय के लिए ताल देना हर समस्या का हल कभी नहीं होता बल्कि उसका डट कर सामना करना होता है।  जब तक हमारा मन और चित्त शांत नहीं होता बाहरी शांति हमें कभी शांत नहीं कर सकती”

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